
रायगढ़। कुख्यात निगरानी बदमाश मनोज झरिया एक बार फिर सुर्खियों में है। हत्या, फिरौती, डकैती और बलात्कार जैसे संगीन अपराधों के आरोपों से घिरे मनोज झरिया को घरघोड़ा पुलिस ने इस बार ढाबा बुलाकर युवक से मारपीट और जान से मारने की धमकी देने के मामले में दबोच लिया। उसके साथ ढाबे में काम करने वाले सुनील सिदार को भी गिरफ्तार कर दोनों को न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है।

मामला ग्राम डूमरपाली निवासी 33 वर्षीय लालजीत सोनार का है। लालजीत ने पुलिस को बताया कि बीती रात करीब 10 बजे मनोज झरिया ने फोन कर अपने ढाबा बुलाया और जबरन काम करने का दबाव बनाया। विरोध करने पर आरोपी मनोज और उसके साथी ने गाली-गलौज करते हुए डंडे और लात-घूंसों से हमला किया। इतना ही नहीं, मनोज ने तलवारनुमा धारदार हथियार लहराकर उसे जान से मारने की धमकी दी। पीड़ित किसी तरह भाग निकला और दूसरे दिन थाने पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई। शिकायत पर घरघोड़ा पुलिस ने अपराध क्रमांक 224/2025 धारा 296, 351(2), 115(2), 118(1), 3(5) बीएनएस और 25, 27 आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया। थाना प्रभारी कुमार गौरव साहू ने टीम के साथ छापेमारी कर दोनों आरोपियों को मौके से गिरफ्तार किया। पूछताछ में अपराध स्वीकार करने के बाद पुलिस ने मनोज से डंडा और लोहे का तलवारनुमा हथियार तथा सुनील से डंडा बरामद किया।

गिरफ्तार आरोपी 38 वर्षीय मनोज कुमार झरिया पिता महेश्वर झरिया निवासी डूमरपाली कुडुमकेला और 29 वर्षीय सुनील सिदार पिता चैन कुमार सिदार निवासी कोटमी थाना डभरा, जिला सक्ती बताए गए हैं।
यह पहली बार नहीं है जब मनोज झरिया कानून की गिरफ्त में आया हो—उसके खिलाफ पहले से ही हत्या, फिरौती, डकैती और बलात्कार जैसे संगीन अपराधों के मामले दर्ज हैं। इसके बावजूद उसका इलाके में आतंक जारी था। पुलिस की इस कार्रवाई से क्षेत्र में राहत की सांस ली जा रही है।
बहरहाल अपराध के साए में जी रहे ग्रामीण अब पूछ रहे हैं—क्या कुख्यात बदमाशों का ये खेल अब सचमुच खत्म होगा, या जेल से छूटकर फिर लौटेगा वही डर का साम्राज्य?”