वन विभाग की चेतावनियाँ नाकाफी, ग्रामीणों में दहशत — आखिर कब थमेगा यह खूनी संघर्ष?
कोरबा। करतला वन परिक्षेत्र के ग्राम पंचायत बोतली में शनिवार को एक दर्दनाक हादसे ने पूरे इलाके को दहला दिया। भटके हुए दांतेल हाथी ने अचानक एक ग्रामीण पर हमला कर उसे बेरहमी से कुचल डाला। 35 वर्षीय शिवनारायण की मौके पर ही मौत हो गई। यह हादसा उस चल रहे संकट की ताज़ा मिसाल है जिसमें इंसान और हाथी आमने-सामने खड़े हैं।
सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम और पुलिस मौके पर पहुँची। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और जांच की कार्रवाई जारी है। घटना के बाद से आसपास के गाँवों में भय और अफरातफरी का माहौल है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कई दिनों से हाथियों का झुंड इस क्षेत्र में डेरा डाले हुए है, लेकिन विभाग की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। ग्रामीणों को सिर्फ “सतर्क रहने” की सलाह देकर छोड़ दिया जाता है, जबकि खतरा हर दिन बढ़ता जा रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि जंगलों के सीमित होते दायरे और अनियोजित विकास कार्यों के कारण हाथियों का प्राकृतिक रास्ता बाधित हो रहा है। भोजन और पानी की तलाश में वे अब गाँवों की ओर रुख कर रहे हैं और इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है ग्रामीणों को।
यह सवाल अब गंभीर हो चला है कि कब तक मानव और हाथी के बीच यह संघर्ष चलता रहेगा? क्या प्रशासन के पास कोई स्थायी समाधान है या फिर ऐसी दर्दनाक घटनाएँ यूँ ही दोहराई जाती रहेगी?